पृथ्वी के बारे में रोचक जानकारी ( The Facts About Earth )
पृथ्वी के 12 अद्भुत रहस्य:
पृथ्वी हमारा घर है, लेकिन इसके बारे में बहुत सी रोचक बातें हैं जिन्हें हम नहीं जानते. आइए पृथ्वी के 12 अजूबों को explore करें!
1. पृथ्वी का वजन: हमारी पृथ्वी का वजन 6 महापदार्थ (6 Septillion kilograms) है. यानी 6 के बाद 24 जीरो!
2. पेड़ों की तादाद ज़्यादा: हमारी पृथ्वी पर पेड़ों की संख्या आकाशगंगा (Milky Way) में सितारों से भी ज़्यादा है!
3. पृथ्वी का मिश्रण: लोहा (32%), ऑक्सीजन (30%), और सिलिकॉन (15%) पृथ्वी के मुख्य तत्व हैं.
4. पृथ्वी पर पानी: चाहे समुद्र हो या ग्लेशियर, पृथ्वी पर मौजूद कुल पानी पृथ्वी के कुल द्रव्यमान का केवल 1% है.
5. प्रवाल भित्तियाँ: पृथ्वी पर सबसे बड़ा जीवित ढांचा प्रवाल भित्ति (coral reef) है. कुछ प्रवाल 5,000 साल तक जीवित रह सकते हैं!
6. विलुप्त प्रजातियां: पृथ्वी के इतिहास में लगभग 87 लाख (8.7 million) प्रजातियां अस्तित्व में थीं, जिनमें से केवल 1% ही आज जीवित हैं. दुर्भाग्य से, 99% प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं.
7. जीवित बनाम मृत मानव: इस समय पृथ्वी पर मानवों की आबादी 8 अरब (8 billion) है, जबकि अब तक जितने भी मानव धरती पर रहे हैं उनकी कुल संख्या 109 अरब (109 billion) है!
8. पृथ्वी की गतियां: भूमध्य रेखा पर पृथ्वी की गति 1600 किमी / घंटा है, सूर्य के चारों ओर इसकी कक्षा में गति 108,000 किमी / घंटा है, आकाशगंगा के केंद्र के चारों ओर सौर मंडल की गति 792,000 किमी / घंटा है, और पूरी आकाशगंगा का ब्रह्मांड में गति करीब 2,160,000 किमी / घंटा है.
9. पृथ्वी का आकार: पृथ्वी पूरी तरह गोल नहीं है, बल्कि ध्रुवों पर थोड़ी चपटी और भूमध्य रेखा पर थोड़ी उभरी हुई है.
10. पृथ्वी का केंद्र: पृथ्वी के अंदर गर्म पिघला हुआ लोहे और निकल से बना एक तरल केंद्र (liquid core) है. यह केंद्र पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को उत्पन्न करता है, जो हमें सूर्य से निकलने वाले आवेशित कणों से बचाता है.
11. सबसे गहरा स्थान: प्रशांत महासागर में स्थित मारियाना ट्रेंच (11,034 मीटर) पृथ्वी का सबसे गहरा स्थान है. ये इतना गहरा है कि अगर माउंट एवरेस्ट (8,850 मीटर) को इस खाई में रख दें, तो भी पहाड़ का शिखर पानी से बाहर नहीं निकलेगा!
12. धरती के नीचे का महासागर: पृथ्वी की सतह से 965.606 किलोमीटर नीचे, एक और विशाल महासागर मौजूद है! इस महासागर में इतना पानी है कि जो हमारे पाँचों महासागरों के कुल पानी से तीन गुना ज़्यादा है.
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